Tuesday, June 21, 2016

नशीली चूत का रस....

बात उन दिनो की है जब मैं १२वीं की बोर्ड की परीक्षा देकर फ़्री हुआ था और रिजल्ट आने में तीन महीने का समय था। ये वो समय होता है जब हर लड़का अपने बढ़े हुए लंड के प्रति आकार्षित रहता है साथ-साथ बढ़ती हुई काली-काली घुंघराली झांटे उसका मन जल्दी से किसी नशीली चूत का रस पान करने को प्रेरित करती हैं। मैने फ़्री टाइम को सही इस्तेमाल करने के लिये एक इंगलिश स्पीकिंग कोर्स ज्वाइन कर लिया। हमारे घर से थोड़ी दूर पर एक नये इंगलिश कोचिंग सेंटर खुला था जहां मैं अपना एडमीशन लेने पहुंच गया। मेरे लौड़े की किस्मत अच्छी थी वहां जाते ही मेरा सामना एक कमसिन, अल्हड़, मदमस्त, जवान, औरत से हुआ जो पता चला वहां की टीचर है। उसके गोरे-गोरे तन बदन को देखते ही मेरा तो लौड़ा चड्ढी में ही उचकने लगा। उसकी खुशबूदार सांसो ने मन मे तूफ़ान पैदा कर डाला था। मन तो उसके तुरंत चोदने को कर रहा था पर क्या करता वहां तो पढ़ने गया था।


एडमीशन देते हुए वो भी मुझे आंखों ही आंखों में तौल रही थी। वो २७ साल की भरे बदन वाली मैडम थी। शादी-शुदा, उसकी दोनो बूब्स (चूचियां) आधा किलो की थी और उसके गद्देदार मोटे चूतड़ (गांड) उभार लिये संगमरमर की मूरत से तराशे हुए हिलते ऐसे लगते थे जैसे कह रहे हो- “आजा राजा इस गांड को बजा जा”

मैने एडमीशन लेकर पूछा “कितने बजे आना है मैडम?” वोह मुस्करा कर बोली “सुबह ७ बजे आना।” “साथ क्या लाना है?” “वो बोली एक कोपी बस”। मैं घर वापस आ गया पर सारी रात सुबह होने के इंतज़ार में सो न सका। रात भर मैडम की हसीन मुस्कान और चेहरा सामने था। मैं बार-बार उनके ब्लाउज़ में कैद उन दो कबूतरों का ध्यान कर रहा था जो बाहर आने को बेताब थे। उनकी चूत कैसी होगी? गुलाबी चूत पे काला सिंघाड़ा होगा, उनकी चूत का लहसुन मोटा होगा या पतला, मुलायम मीठा या नमकीन, कितना नशा होगा उनके चूत के रस में? उनकी बुर की फांके गुलाब की पत्तियों सी फैला दूं तो क्या हो? ये कल्पना और मदहोश कर रही थी जिससे मेरे लंड फूल कर लम्बा और मोटा हो गया था और मेरी चड्ढी में उसने गीला पानी छोड़ दिया।

अगले दिन सुबह, जल्दी से नहा कर मैं इंगलिश की कोचिंग में टाइम से पहुंच गया। उस क्लास में और भी कुछ हसीन लड़कियां थीं। कुछ खूबसूरत शादी-शुदा औरतें भी थी जो हाई क्लास सोसाइटी में अपनी धाक जमाने के लिये इंगलिश सीखना चाह रही थीं ताकि हाई क्लास की रंगीनियों का मज़ा उठाया जा सके। मैं पीछे की सीट पर बैठ गया। थोड़ी देर में मैडम वहां आयी और गूड मोर्निंग के साथ मुझ पर नज़र पड़ते ही बोली –“तुम आगे आकर बैठो”। उनके कहने पर मैं आगे की सीट पर बैठ गया। वो सबको अपना परिचय हुए बोली – हाय मै निशा हूँ। अब आप लोग अपना परिचय दीजिये। हम सबने अपना-अपना परिचय दिया। फिर वो ब्लैक बोर्ड की तरफ़ मुड़कर लिखने लगी। जैसे ही वो मुड़ी उनकी गांड मेरे सामने थी और मन फिर उनकी गांड मारने के ख्याल में खो गया। क्या करुं जवानी १८ साल की कहां शांत रहती।

वो बहुत सुंदर लाइट कलर की साड़ी पहने थी। लाइट पिंक ब्लाउज़ के नीचे उनका काला ब्रा साफ़ दिख रहा था। साड़ी के पल्लु से उनकी चूची का बोर्डर ज़बान पे पानी ला रहा था। लालच मन में जगा रहा था। दोनो चुचियों के बीच की गहरी लाइन ब्रा के ऊपर से लंड को मस्ती दिला रही थी। वो मुड़ कर वापस क्लास को बोलने लगी ग्रामर के बारे में और मेरे एकदम पास चली आयी। मैं बैठा था और वो मेरे इतने करीब खड़ी थी कि उनका खुला पेट वाला हिस्सा मेरे मुंह के पास आ चुका था जिसमे से उनकी गोल-गोल गहरी टोंडी (नाभि) की महक मेरे नथुनो मे मीठा ज़हर घोल रही थी। फिर उनका पेन हाथ से गिरकर मेरे सामने टपक गया जिसे लेने वो नीचे झुकी तो दोनो चुचियां मेरे मुंह के सामने परस गये। उस दिन क्लास ऐसे ही चलता रहा। फिर जब क्लास खत्म हुआ तो जब सब चलने लगे तो मैडम ने मुझे रुकने को कहा। मैं अपनी कुरसी पर बैठा रहा। सबके चले जाने के बाद मैडम मेरे पास आयी और बोली-“ हेंडसम लग रहे हो” मैने कहा “थैंक यू”। तुम अभी क्या करते हो? मैं बोला- अभी १२वीं का एक्साम दिया है अब मैं फ़्री हूं। मैडम बोली –मतलब अब तुम बालिग (एडल्ट) हो गये हो।” “यस मैडम”, मैं बोला।

“हूऊऊऊउम……। वो कुछ सोच कर बोली, तुम्हारा केला तो काफ़ी काफ़ी बड़ा है। ‘केला???’ मैं समझ तो गया था कि मैडम मेरे लंड की तरफ़ इशारा कर रही हैं पर मैं अंजान बना रहा। मैने पूछा किस केले की बात कर रही हैं आप? “अरे अब इतने अंजान मत बनो मेरे राजा, तुम्हारा लौड़ा जो काफ़ी बड़ा है और जो इस पैंट के नीचे से फूल कर बाहर हवा खाने को बेताब है। शायद इसने अभी तक गुझिया (चूत) का स्वाद नहीं चखा। असल में मैं क्लास जल्दी पहुंचने के चक्कर में नहा कर पैंट के नीचे अंडरवेअर पहनना भूल गया था जिससे मोटा लौड़ा तन कर पैंट में अपनी छाप दिखा रहा था।

मैडम को फ़्री और फ़्रेंक होता देख कर मैने भी कह दिया “हां मैडम अभी तक किसी की चूत का स्वाद नहीं चखा है।” वो बोली शनिवार की सुबह ६ बजे मेरे घर आ सकते हो, मैं अकेली रहती हूं। दर असल मेरे पति नेवी में हैं और हमारे कोई औलाद नहीं हैं। तुम आजाओगे तो मुझे कम्पनी हो जायेगी। मैने फ़ौरन हामी भर दी। मैं जानता तो था कि मैडम को मेरी कम्पनी क्यों चाहिये थी। उनको अपनी बुर की खुजली मिटानी थी और फिर जब पति नेवी में गांड मराये तो पत्नी दिन भर जब टीचिंग से लौट कर आये तो चूत चोदने को कोई लौड़ा तो चाहिये ही। इसमे कुछ गलत नहीं हैं। हर औरत की, हर लौंडिया की चूत में गरमी चढ़ती है और उसकी चूत की आग सिर्फ़ और सिर्फ़ लंड ही शांत कर सकता है।

सारी रात मैडम का ध्यान कर मैं सो न सका। सुबह घड़ी में अलार्म लगा दिया ५ बजे का। मम्मी भी सुबह अलार्म की आवाज़ से उठ गयी और बोली इतने सुबह कहां जा रहे हो?? मैने कहा सुबह रोज़ अब मैं जल्दी उठ कर जोगिंग करने जाउंगा और फिर वहीं से क्लास अटेंड कर वापस आउंगा। अब उनसे क्या कहता कि मैडम की चूत की खुजली शांत करने जा रहा हूं। सुबह चाय पीकर मैं तुरंत टैक्सी कर मैडम के पते पर कोपी लिये पहुंच गया। डोरबेल की घंटी बजायी तो थोड़ी देर बाद मैडम ब्लैक नाइटी पहने मुस्करा कर दरवाजा खोलती नज़र आयी। उनके नाइटी के दो बटन ऊपर के खुले थे और ब्रा नहीं पहने होने के कारण दोनो चूचियां मुझे साफ़ दिख रहीं थीं। नीचे पेटीकोट भी नहीं था क्योंकि उन्होने मेरा हाथ कमर पे रख मुझे अंदर बुलाया जिससे उनका बदन मेरे हाथ में आ गया था।

सामने खुला हुआ सीना मेरे दिल की धड़कन बढ़ा रहा था। वो मुसकरा कर बोली अब ऐसे ही खड़े-खड़े मेरी सूरत देखते रहोगे या मुझे अपनी बाहों में उठा कर बिस्तर पे भी ले चलोगे। मेरी जवानी कबसे मोटे लंड की आग में जल रही है, मेरी जवानी के मज़े नहीं लूटोगे??? मैने तुरंत कोपी पास पड़ी टेबल पर फेंक दी और मैडम को झट से अपनी बाहों में उठा लिया। उनके खुले बाल मेरे हाथ पर थे और उन्होने मेरे होंठों को अपने लिप्स में कैद कर लिया। उनका बेडरूम सामने ही था। मौसम थोड़ा गरम था इसलिये मैं उनको पहले बाथरूम में ले आया जहां उनको थोड़ा नहला कर मालिश कर गरम कर सकुं।

मैने मैडम को बाथरूम में खड़ा कर दिया और फिर उनकी काली नाइटी के ऊपर से पूरा मांसल बदन दबाया फिर सहलाया। उनके हाथ ऊपर कर उनकी काली नाइटी धीरे से उतार दी। अब वो पूरी नंगी मेरे सामने खड़ी थी। दूधिया बदन गोरी-गोरी-मोटी चूचियां और हल्के काले घुंघराले बालों के बीच गुलाबी मुलायम चूत। मैने शोवर चालु कर दिया पानी ऊपर से नीचे हर अंग को भिगो रहा था। मैने उनको चूमना चाटना शुरु कर दिया। होंठों से होंठ फिर गाल सब पर ज़बान फेर कर मज़ा देता गया। दोनो चूचियां बार बार दबा कर निप्पलों को मुंह में भर लिया। उनके पिंक निप्पल मोटे और बहुत सोफ़्ट थे। ज़बान निकाल कर गोल-गोल निप्पल पर घुमा कर चाट कर पिया। वो आअह्हह्हह…।।उह्हह्हह…ईईस्सस्सस…मज़ा आ गया बोली। और पियो ये निप्पल कब से तरस रहे थे कि कोई इनको पिये।

मैने कस कर चूची मर्दन किया दबा दबा कर निप्पलों उकेर कर दोनो निप्पलों पर जबान से खूब खुजली की। मैडम भी अपनी ज़बान निकाल कर मेरे ज़बान के साथ अपने निप्पलों चाट रहीं थी। उनकी चूचियां फूल कर बड़ी हो गयी थी और मैं नीचे उनके नाभि पर आ गया था। गोल नाभि की गहरायी नापने में २ मिनट लगा इससे पहले चूचियों का मसाज और निप्पलों को चूस कर १० मिनट तक उनको प्यार के नशे में डुबाता चला गया। इस क्रिया से मेरा लौड़ा भी नागराज की तरह फुंकारता हुआ खड़ा हो कर ७इंच का हो चुका था जिस पर मैडम का हाथ पहुंच गया था। मैने धीरे से मैडम को बाथरूम के फ़र्श पर लिटाया ताकि उनकी चूत खुल कर मेरे सामने आ सके और मैं उनकी गुलाबी गुझिया में उंगली डाल सकूँ।

मैं धीरे से उनकी चूत का रस पीने के इरादे से नीचे गया। उनकी झांटों पर पड़ी पानी की बूंदों ने मुझे उनके झांटों पर चांदी की तरह चमकती बूंदों को पीने की चाह जगा दी। मैं उनकी काली, मुलायम घुंघराली झांटों को अपने होंठों में कैद कर अपने लिप्स से पीने लगा। उनकी जब झांटें खिंचती तो वो अह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्ह……।।ऊऊऊऊऊह्हह्हह …।।ह्हहाईईइ………।ज्जज्जजाआअन्नन्नन्नन्नन्न…।।स्सस्सस्सस्सस्सस्सस्सस… करती जिससे मेरा लंड और कड़क हो जाता। उनकी झांटों से पानी साफ़ करने के बाद मैने दोनो उंगलियों से उनकी चूत की गहरायी को नापा मतलब दोनो उंगलियां अंदर गुलाबी छेद में डाल दी गहरायी तक। फिर ज़बान पास लाकर उनके चूत का सिंघाड़ा अपने मुंह में कैद कर लिया। करीब १० मिनट तक उनकी नशीली चूत का रस अपनी ज़बान से पीता रहा और उनकी गरम चूत में अपनी ज़बान चलाता रहा। ऊपर से नीचे फिर नीचे से ऊपर और फिर ज़बान को कड़ा कर अंदर बाहर भी। ज़बान से चूत रस चाटते वक्त मैने एक उंगली नीचे खूबसुरत से दिख रहे गांड के छेद पे लगा दी। उनको तैयार कर मैने अपना अंडरवेअर उतारा जिससे मैडम बाथरूम के फ़र्श पर उठ कर मेरे ऊपर मेरी तरफ़ गांड कर ६९ की पोजीशन में लेट गयी और मेरा लंड अपने मुंह में डाल लिया।

मैं मैडम की चूत मैं नीचे से पीछे से ज़बान डाल कर उनका रस चाटे जा रहा था और मैडम को मेरा गुलाबी सुपाड़ा बहुत मज़ा दे रहा था। वो बच्चो की तरह उसे चूसे जा रहीं थी। क्योंकि उनको लंड बहुत दिनो बाद नसीब हुआ था। मेरा तना लंड उनको बहुत मज़ा दे रहा था वो ५ मिनट तक मेरा लौड़ा अपने होंठों में कैद कर चूसती रहीं ज़बान से लंड के सुपाड़े को चाट-चाट कर लाल कर दिया था और लंड तन कर रोड की तरह पूरा कड़ा हो गया था पर मैडम छोड़ ही नहीं रहीं थी। मैने बोला मैडम मैं झड़ने वाला हूं तो उन्होने मुझे खड़ा कर दिया और खुद भी मेरे ऊपर से हट गयी। बोली-आओ राजा मेरी ज़बान पर गिरा दो। वो मेरे लंड के पास मुंह खोल कर ज़बान निकाल कर बैठ गयीं। मैने अपने हाथ से हिला कर जल्दी से अपना सारा गरम गरम शहद उनकी ज़बान पे गिराया जिसे उन्होने अपनी आंखे बंद कर जन्नत का मज़ा लिया। वो मेरे गरम वीर्य की आखिरी बूंद तक चाट गयी। फिर उन्होने अपना मुंह धोया और मुझे बोली अब मुझको बेडरूम में ले चलो राजा। मैं भी उनकी चूत चोदने को बेताब था।

मैने उनको उठा लिया और बेड पर चित लिटा दिया। उनकी दोनो गोरी टांगो को खूब फैला दिया ताकि उनकी गुलाबी चूत मेरे सामने खुल जाये और मुझे उनकी चूत को चाटने में ज़रा भी कठिनाई न हो। वो फिर से मेरे लंड को अपने हाथ से पकड़ कर आगे पीछे हिलाने लगी। उनके ये करने से मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा। मैने उनकी नशीली चूत को चाट कर अपने थूक से चिकना किया। वैसे उनकी चूत बहुत मक्खन सी मुलायम और मलमल सी चिकनी थी। वो गरम-गरम मलाई से भरपूर चूत मुझे अब जन्नत सी लग रही थी जिसको अब चोदना बहुत ज़रूरी हो गया था। मेरे लप-लप कर उनकी चूत को चाटने से वो अपने मुंह से सी…सी…ऊऊऊओ…।अह्हह्हह्हह्हह्ह कर रही थी। बोली मेरे राजा जल्दी से अपना ७ इंच का शेर मेरी प्यार की गुफ़ा में घुसा दो। जल्दी से इस चूत की खुजली शांत करो। बहुत तड़प रहीं हूं। 

मैने जल्दी से उनकी गोरी मांसल जांघो को दूर दूर किया और लौड़ा पकड़ कर अपना सुपाड़ा चूत के मुंह पे टिका कर सहलाया। फिर एक धीरे से ज़ोर लगाया जिससे लंड खच की आवाज़ से अंदर गरम गरम चूत में अंदर तक समा गया। वो आंखें बंद कर मस्त होने लगी। मैं बोला निशा तुम बहुत मस्त हो। वो मुस्कुरा दी। मैने अपने लंड का वेग बढ़ा दिया। लंड जल्दी जल्दी अंदर बाहर चलने लगा। लंड पूरे ज़ोर से अंदर बाहर आ जा रहा था जिससे निशा की चूचियां भी हिल रही थीं। दोनो बूब्स को मैने हाथ में भर कर मसलना शुरु कर दिया था और उनके निप्पल भी अपने होंठों में चूसने लगा। निशा की जवानी लूट कर १० मिनट तक गरम लंड रोड सा उसकी बुर को फाड़ता रहा। फिर मैने उसकी चूत से लंड बाहर निकाला और अपना गरम वीर्य उसकी चूत के ऊपर और टोंढी के छेद में डाल दिया।

दीदी को मैंने चोदा...

या एक पुलिस कांस्टेबल के साथ, मेरे जीजा रिज़र्व पुलिस में थे तो उनको आउट स्टेशन जाना पड़ता था। और मेरे दीदी और जीजाजी के सम्बन्ध उतना क्लोज नहीं था क्योंकि उनकी उमर २५ थी जब वो दीदी को शादी किये थे। मेरे दीदी मेरे घर के बाजु में ही घर लिये थे। पता नहीं कब मेरे दीदी और मेरे भैया के साथ अफैर हो गया।


मुझे पहले पहले कुछ ऐसा लगता था कि मेरे भैया और दीदी के बीच में कुछ है। मैं उन दोनो के उपर शक करता था। एक बार दोपहर में मैने कोलेज से आया तू मेरे दीदी और मेरे भैया रूम में बैठ के जोर जोर से बात कर रहे थे तो में रूम का दरवाज़ा खोलके अंदर चला गया देखा तो दीदी ने उसके बच्चे को दूध पिला रही है वो भी पूरा ब्लाउज़ खोलके और भैया आराम से बैठ के देख रहा है मैने सोचा कि बच्चा को दूध पिला रही है तो उसमे शक करने कि बात नहीं है। फिर भी मेरे मन मे शांति नहीं था सिर्फ़ उन दोनो का है बात दिमाग में हर वक्त चलता था।

कुछ महीने के बाद रात मे मैं धीरे से घर आया रूम में दीदी, भैया और दीदी का बच्चा सब सो रहे थे तो मैने डिनर करने के लिये किचन में गया और तभी पावर कट हो गया। तो मैने खाना लगा के हाल में आया तो रूम के अंदर से कुछ आवाज़ आ रही थी (भैया का रूम तो हाल में अटैच था। ) थ मेरे को शक हो गया कि रूम में शायद हो दोना कुछ कर रहे हैं और मैने धीरे से रूम के दरवाज़ा पर कान रख के सुना तो पया कि मेरे भैया बड़ी जोर से सांस ले रहा था और दीदी भी कुछ अजीब से आवाज़ कर रही थी। कुछ देर बाद में एक अजीब स्मेल रूम से आने लगा और फच फच कर के बहुत जोर से सांस ले के दोनो आवाज़ मिलकर रूम से आ रहा था मेरे को वो स्मेल और आवाज सुनकर मेरे लौड़ा खड़ा हो गया मैने बहुत जल्दी में खना खा लिया और बड़ी हिम्मत से रूम का दरवाज़ा खोल के अंदर गया तो खाट के उपर बच्चे को सुला के भैया और दीदी नीचे ज़मीन पर एक के बगल में सो रहे थे। उस रात से मैं उन दोनो का पीछा करना शुरु किया तो मुझे वो दोनो रंगे हाथ पकड़े गये

वो रात मेरे को पता कि आज भैया और दीदी मस्त चोदने वाले है क्योंकि मेरे घर में उस दिन कोई बी नहीं थे सिर्फ़ मैं, भैया, दीदी और उस का बच्चा को छोड़के। तो उस रात मैने बड़ी जल्दी सोने का नाटक किया और रात ९ बजे तक बेड पर चला गया। और १० बजे को उठा और रूम की खिड़की के पास जाके बैठ गया। रूम की खिड़की को मैने पहले ही थोड़ा सा खोल के रखा था और परदा को पूरा छोड़ दिया था। जैसे मैं खिड़की के पास तो वो दोनो ऐसे ही कुछ बातो में खोये हुए थे। अचानक भैया ने दीदी को समूच किया तो मेरा हार्ट बीट बहुत तेज़ वो गोया। मेरे दिल में थोड़ा सा डर हो रहा था। भैया समूच करने के बाद दीदी को गाली दिया कि वो दूध पिये थी। भैया को दूध से नफ़रत थी। वो दूध या दूध के स्मैल से नफ़रत करता था। दीदी ने तुरंत बाथरूम में जाके ब्रुश करके आयी।

फिर ५-१० मिनट बाथ किया और फिर से भैया दीदी को समूच किया और अपने हाथ को उस के बूब्स पर रख के जोर से दबाना शुरु किया। दीदी भी भैया का लिप्स और जीभ को अपने मुंह में लेके बड़ि मजेदार से किस कर रही थी। भैया ने दीदी की नाइटी को उपर उठाया और उसे निकाल के ज़मीन पर फेंक दी। दीदी अकसर घर में ब्रा नहीं पहनती थी। और वो नंगी हो गयी। भगवान की कसम दीदी की जांघें तो कमाल की चीज़े है। साली के पैर एक दम बनाना के पेड़ के जैसा है। इतनी बड़ी बड़ी बूब्स थी इसकी कि भैया का पूरा फ़से उस में छुप जा रहा था कि वो बूब्स को चूस रहा था। भैया ने दीदी के दोनो बूब्स को ऐसे चूस रहा था कि कोई आदमी बहुत सालो तक प्यसा हो और उसे पानी मिल गया हो। थोड़ी देर बाद में भैया ने दीदी के दोनो पैरों को फैला दिया और दीदी की चूत दिखने लगी उसके पूरा प्युबिक हेयर से छुपा हुआ था। भैया ने दीदी के चूत को उंगली से फ़ैला दिया और अपने मुंह को चूत में डालकर चूसने लग गया। कुछ ५ मिनट तक वो दीदी के चूत को चूस रहा था तो दीदी ने पूरे मूड में आ चुकी थी और वो बोल ने लगी कि चूस राजा मेरे चूत को और चूस खा जा मेरे चूत को।


आज तो बहुत खुजली हो रही है मेरी चूत मैं चूसले, पूरा पानी मेरे चूत में से अह्ह अह्ह अह्ह आअ…अ…।।अ।अहह कर रही थी। ५ मिनट के बाद भैया ने दीदी कि चूत में से निकाल कर दीदी को उसके होंथों पे किस्स करके दीदी का लिप्स को चूस ने लगा। दीदी ने भैया का टी शर्ट निकाला और भैया को गर्दन के पास किस करने लगी और गर्दन से लेकर ऐसे ही उसके छाती के पास उसके छाती को किस करके उसके शोर्ट्स को निकाल दिया और भैया का ८” तगड़ा मोटा लौड़ा पूरे तरह से खड़ा हो गया था। दीदी ने भैया का लौड़ा पकड़ लिया और हाथ से शेक किया और उसके उपर का स्किन को पीछे कर के भैया का लंड को मुंह में ले के चूसना शुरु कर दिया। भैया बोले चूसले जान मेरे लौड़े को चूसले आहाह अह्हह्हह्ह अह्हह्हह्हह बड़ा मज़ा आ रहा आता है जब तु मेरे लौड़े चूसती है कर के बोलने लगा

५-१० मिनट के बाद भैया ने दीदी का सिर पकड़ के उसके माउथ में धक्का देना शुरु किया और दीदी को उपर उठके उस खाट के उपर में सुला के अपने लंड को हाथ में लेके सम्भालने लगा और दीदी के चूत के उपर रख के एक ही झटके में अपने पूरे लंड को अंदर डाल दिया। दीदी ने एक जोर सी आवाज़ की और बोली मादरचोद धीरे से कर में दीदी के मुंह से वो बात सुनके हैरान हो गया और पता चला कि भैया और दीदी दोनो गंदी तरह से गाली दे के चोदते हैं। और भैया ने दीदीके चूत में अपने लंड को अंदर और बाहर कर रहा था और दीदी धीरे धीरे सिसकार कर रही थी अह्हहह्ह अह्ह रा………ज……अह्हह्ह……अझह्हह्हह्हह्हह कर के सिसकार कर रही थी। 

५-१० मिनट के बाद भैया ने अपने स्पीड ज्यादा करने लगा और बोलने लगा कि तेरी मां को चोदु तेरी बहन को चोदु तेरी चूत फ़ाड़ के रख दूंगा साली रंडी चल चोद जोर से चोद हरामज़ादी रंडी साली चोद मुझे चोद कर के गाली देने शुरु किया बहुत जोर जोर से चोदने लगा। इतना जोर से चोद रहा था कि उन दोनो का चोदने के साउंड इतनी जोर से आ रहा था और दीदी कि चूत में से कुछ व्हाइट कलर में तरल आने लगा और पूरा रूम में फ़चाक फचाक फचाक करके आवाजें आने लगा। और दीदी बोलने लगी कि मादर चोद और जोश से चोद मुझे मेरी चूत पर दे राजाआआआ मेरी चूत फाड़ दे बहुत अंदर तक चला गया है तेरा लौड़ा चोद रे साले मादर चोद मुझे और जोसे से चोद मेरी मां बहन को भी चोद ले राजा तेरी लौड़ा को सारी दुनिया की चूत कुर्बानी है राजा चोद आअहहा आआआआआअह्हह्हह्हह्हह्हह अह्हह्हह्हह्हह्हह स्सस्सस्सस्स स्सस्सस्सस्सस्सस्सहूऊऊऊऊऊऊऊओदूऊऊऊऊ अह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह कर के चिल्लाने लगी और मेरे भैया ने भी गंदी गंदी गालियो से गाली दे के चोद रहा था

मां कसम भैया ने ठीक ४५ मिनट तक लगातार दीदी के चूत को चोद के फाड़ दिया और उसने पूरा पानी दीदी के चूत में निकाल दिया और दीदी के चूत से अपने लंड को निकाल दिया और साइड में सो गया यहां दीदी ऐसी सो पड़ी थी जैसे किसी को अपना चुदा हुआ चूत दिखा रही है और दीदी के चूत को बड़ा हो गया था और उसमे से भैया का पानी नीचे गिर थे हुए दिख रहा था। १० मिनट तक दोनो शांत पड़ गये थे। १० मिनट के बाद दीदी बोली राजा फिर से करना दूसरे राउंड तो भैया बोला तेरी मां को चोदू साली तेरी प्यास भी जाती नहीं है जा के लकड़ी ले के आ के तेरी चूत में रख के सो जा साली रंडी हरामी कर के बोल के सो गया और दीदी ने बोला ठीक है तो सुबह ५ बजे को उठी हूं और सुबह मुझे खूब चोद लेना अभी सो जा कर के बोली और सो गयी।

मैने उसके बाद बाथरूम में गया और लगभग ४५ मिनट तक जो देखा था वो पूरा जोश को सिर्फ़ २ मिनट के हाथ मारने पे पूरे के पूरा पानी निकाल दिया।

ठीक महीने बाद मेरे भैया की शादी हो गयी और हमारे घर के उपर और २ रूम बना दिया ताकि भैया को शादी के बाद परायिवेसी दिया जाये और कोई मेहमान आये तो भी दूसरे रूम का इस्तेमाल होगा कर के सोच के २ रूम बना दिया।

भैया की शादी होने के महीने दो महीने के बाद एक रात ऐसा हुआ कि मेरे ज़िन्दगी का आसमान खुल गया।

हर समय के तरह दीदी जब जीजा नहीं वो तो हमारे घर में ही रहती थी।

वो हमारे घर में सोती थी।

उस रात वो रूम में सोने को आई। जैसे भैया उपर रूम में चला गया। में खाट के उपर सो रहा था और दीदी ज़मीन पर बेड लगा के सो गयी। मेरे को नींद नहीं आ रही थी क्योंकि मेरे को रोज़ हाथ मारने का प्रक्टिस है और एक बार अपना पानी गिराने के बाद ही मेरे को नींद आती थी। लेकिन उस रात दीदी थी तो मैन ऐसे ही सोने की कोशिशअ रहा था। कुछ १२ बजे के आस पास तक मेरे को नींद नहीं आयी थी और मैने दीदी को घूर घूर के देख रहा था जैसे वो अपना हाथ और पैर हिला रही थी तो उसका नाइटी उपर वो हट रहा था, तो मैं कोशिश कर रहा था कि उसका पैरों को उपर तक देखने की। ऐसे ही देख रहा था तो दीदी ने अचानक बेड शीट को अपने पैर पर लगा के अपनी चूत में उंगली करनी शुरु कर दिये और उनके प्युबिक हेयर में उनका उंगली जैसे मूव वो रहा था आवाज आने लगा। १०-१५ मिनट तक दीदी उंगली कर रही थी तो मैन खाट के उपर बैठ गया और सीधे दीदी को घूरने लगा।

जैसे दीदी उंगली करके आंख खोली तो मेरे को देख के हैरान हो गयी और पूछी ऐसे क्यों बैठा है। और मैने कहा दीदी मैने देखा कि आप उंगली करते हुये।

दीदी बोली क्या बोलता है तुझे शरम नहीं आती है ऐसे बात करने में।

मैने बोला दीदी मेरे को पता है कि तुझे भैया रोज़ चोदता था और अब उस का शादी हो गयी तो तुम उंगली करले रही हो।

दीदी बोली क्या उल्लु के जैसा बात करता है तेरे को क्या पता, कैसे पता मलूम है तू क्या कह रहा है। मैने बोला मैने सब कुछ देखा है। दीदी थोड़ा सा डरा हुई थी मैने बोला दीदी डरो मत मैं किसी को नहीं बोलने वाला हूं।

बस मेरे को एक बार तेरे को चोदना है

दीदी बोली हरामज़ादे मेरे को चोदेगा?

मैं खाट से उतरा और सीधा उसके बूब्स पर हाथ रखके उसे किस करने लगा

। 
शुरु में वो थोड़ी न की और वो भी जोश में आ गयी। मेरे मन में खुशी ही खुशी हो रहा था।

मैं दीदी का मुंह में मेरा मुंह डाल के चूस ने लगा वो भी साथ दे रही थी उसने मेरे पूरे जीभ को अपने अंदर ले लिया। मैने उसके दोनो बूब्स को दबाने शुरु किया इतने बड़े बड़े बूब्स थे कि मेरे दोनो हाथ में एक नहीं आ रहा था। मैने तो बड़े बड़े बूब्स के औरतों को देखा हूं वो सभी लूज़ लगते थे लेकिन दीदी के बूब्स तो एक दम टाइट था और क्या कलर था उसके निप्पल कम से कम १” तो था मैने जी भर के उसका बूब्स को चूसा उसके निप्पल के साथ खेला करता उंगलियों के बीच में उसे जोर से दबाया दीदी धीरे से सिसकार कर रही थी। मैने उसके नाइटी उतार दिया और उसको मेरे सीधे आंखों के सामने मेरे बाहों में नंगा देख कर मेरे को लगा कि ये तो सपना है।

ऐसे औरत को तो नंगा में मेरे साथ बिठा सकता हूं ये तो में सपनो भी नहीं देखा था। मैने उसके चूत चाटने लगा पहली बार था न तो उसके लुब्रिकेंट मेरे मुंह में आने लग गया और मेरे पूरा मुंह उसके पानी से गीला हो गया मैने उसके चूत को चोद के मेरा ट्रैक पैंट उतार के मेरा ८” के लंड को उस के मुंह में रखने को दिया। तो दीदी बोली बहन चोद साले पूरे घर वालों का लौड़ा बड़ा है तेरे भैया का भी और तेरा भी। उधर तेरा भैया मेरे को चोद के उस रंडी साली तेरी भाभी को चोद रहा है। नया चूत मिला है न उसको इसलिये मुझे टच करने को भी नहीं आता है। आज से तू ही मेरे को चोदेगा इस रंडी को तू ही चोदना। अगर वो नया चूत चोद रहा है तो में भी नया लौड़ा से चुदवाउंगी। साला अपने भैया के रंडी को चोदने चाहता है चोद तेरे में कितना दम है उतना भी लगा के चोद इस चूत को। तेरा फर्स्ट नाईट है आज चोद मुझे बोलने लगी। मैने कहा साली कितना बोलती है रंडी हरामज़ादी कितने लोग चोदा है इस चूत को साली ऐसा लगता है कि कोई बवडी है चूत नहीं है कर थे मैने दीदी कि चूत में मेरे लौड़ा घुसा के मार रहा था तो वो बोली तो जा के पूछना अपने मादरचोद भाई को उसने ही बनाया है मुझे रंडी और मेरे चूत को पर के भवडी बना दी है।

ऐसे ही हम दोनो मज़े लूट रहे थे तो २०–२५ मिनट के बाद मैने झाड़ दिया। दीदी बोली साले फर्स्ट टाइम इतना तिमे लेता है तो साले तू भी बड़ा चुदक्कढ़ बनेगा साले। कुछ १० मिनट के बाद मैने बोला दीदी में क्या अपका गांड मार सकता हूं। तो बोली हा हा क्यों नहीं मादरचोद तुम सब भाई लोग एक ही हो सिर्फ़ चूत से थोड़ी तसल्ली होगा मारो गांड मारो मेरी लेकिन इस बार तू अपने पानी मेरे मुंह में गिरना है मेरे को तेरे पानी पीना है करके बोली। उसके बाद मैने दीदी को खूब गांड मारा और उसके मुंह मैं झाड़ दिया।

भाभी के साथ एक रात...

मेरे भैया की शादी २ साल पहले ही हुई है। भाभी का नाम अर्चना जैन है। भाभी बहुत ही सेक्सी ,गोरी, स्लिम है। उनका फ़ीगर वेल मेन्टेन है। भैया एक एम् एन सी में बोम्बे में सी ऐ हैं। वो कभी कभी आते है। भाभी को देख २ कर मैं तो जैसे पागल हुआ जा रहा था। किसी न किसी तरह भाभी को छूने की कोशिश करता रहता था। वो जब मेरे कमरे में झाडू लगाने आती तो जैसे ही झुकती तो मेरा ध्यान सीधे उनके ब्लाउज़ के अंदर चला जाता। क्या गजब बूब्स हैं उनके जी करता कि पकड़ कर मसल दूं। पर मैं तो सिर्फ़ उन्हे देख ही सकता था। भाभी और मुझ में बहुत ही अच्छी जमती थी। हम हंसी मजाक भी कर लेते थे। पर कभी भी घर में अकेले नहीं होते थे कोई न कोई रहता था। मैं सोचता था कि काश एक दिन मैं और भाभी अकेले रहे तो शायद कुछ बात बने।

सर्दी का मौसम था घर के सभी मेम्बर्स को एक रिश्तेदार कि शादी में चेन्नई जाना था। भैया तो रहते नहीं थे। मम्मी पापा, मैं और भाभी ही थे। पापा ने कहा कि शादी में कौन कौन जा रहा है। मैने कहा मेरे तो एक्ज़ाम्स आ रहे है। मैं तो नहीं जा पाउंगा। मुम्मी बोली के चलो ठीक है इसके मरजी नहीं है तो ये यहीं रहेगा पर इसके खाने का प्रोब्लम रहेगा। इतने में मैं बोला कि भाभी और मैं यहीं रह जायेंगे आप दोनो चले जायें।

सबको मेरा आइडिआ सही लगा। अगले दिन मम्मी पापा को मैं ट्रैन में बिठा आया। अब मैं और भाभी ही घर में थे। भाभी ने आज गुलाबी साड़ी और ब्लाज़ पहन रखा था ब्लाउज़ में से बरा जो के स्रीम कलर की थे साफ़ दिख रही थी। मैं तो कंट्रोल ही नहीं कर पा रहा था। पर भाभी को कहता भी तो क्या। भाभी बोली थन्क यू देवेर जी। मैने कहा किस बात का। भाभी बोली मेरा भी जाने का मूड नहीं था। अगर आपकि पढ़ायी डिस्टर्ब न हो तो आज मोवी चले। मैने कहा चलो। पर कोई अच्छी मोवी तो लग ही नहीं रही है सिर्फ़ मर्डर ही लगी हुई है। भाभी बोली वो ही चलते हैं। मैं चोंक गया। भाभी ड्रेस चेंज करने चली गयी। वापस आयी तो उन्होने डीप कट ब्लाउज़ पहना था उनके ब्रा और बूब्स के दर्शन हो रहे थे। मैने कहा भाभी अच्छी दिख रही हो भाभी बोली थैंक्स । हम सिनेमा हाल गये हमें इत्तेफ़ाक से सीट भी सबसे उपर कोने में मिली। फ़िल्म शुरु हुई मेरा लंड तो काबु में ही नहीं हो रहा था। अचानक मल्लिका का कपड़े उतारने वाला सीन आया। मैं देख रहा था कि भाभी के मुंह से सिसकिआं निकलने शुरु हो गैइ।

और भाभी मेरा हाथ पकड़ कर मसलने लगी। मेरा भी हौसला बढ़ा मैने भी भाभी के कंधे पर हाथ रका दिया और धीरे २ मसलने लगा। हाल में बिल्कुल अंधेरा था। मेरा हाथ धीरे २ भाभी के बूब्स पर आ गया भाभी ने भी कुछ नहीं कहा वो तो फ़िल्म का मज़ा ले रहे थी। अब मैं भाभी के बूबी को मसल रहा था और अब मैने उनके ब्लाउज़ में हाथ डाल दिया भाभी सिर्फ़ सिसकरियां भरती रही और मुझे को ओपरेट करती रही। अब फ़िल्म एंड हो चुकी थी हम दोनो घर आये। मैने पूछा क्यों भाभी कैसि लगी फ़िल्म। भाभी बोली मस्त। मैने कहा भाभी भूख लगी है। हम दो नो ने साथ खना खया। मैं अपने कमरे में चला गया। इतने में भाभी की अवाज़ आई क्या कर रहे हो देवेर जी जरा इधर आओ न।

मैं भाभी के बेडरूम में गया तो भाभी बोली ये मेरी ब्रा का हुक बालों में अटक गया है प्लीज़ निकाल दो न। भाभी सिर्फ़ ब्रा और पेटीकोट में ही थी। उसने क्रीम रंग की बरा पहन रखी थी। मैने ब्रा खोलने के बहाने उसके निप्पलों को भी मसल दिया और पूरी पीठ पर हाथ फ़िरा दिया मैने कहा भाभी लो खुल गयी ब्रा मैने बरा को झटके से नीचे गिरा दिया अब भाभी पूरी टोपलेस हो चुकी थी। हम दोनो फ़ुल फ़ोर्म में आ चुके थे भाभी बोली देवेर जी भूख लगी है तो दूध पीलो मैने भाभी को उठाया और बिस्तर पर ले गया उनका पेटीकोट भी खोल दिया अब वो पूरी नंगी हो चुकी थी और मैं भी। मैने शुरुआत उपर से ही करना मुनासिब समझा

और भाभी के लाल लिपस्टिक लगे रसीले होंथों को जम कर चूसा। उसके बाद बारी आई उनके छाती की जिस पर कि दो मोटे २ दूध की टंकिया लगी थी। उनके निप्पल का सबसे आग्गे का हिस्सा बिल्कुल भूरा था मैने भाभी के बूब्स को इतना मसला और चूसा कि सच में ही दूध निकल आया। मैने दोनो का जम कर आनंद लिया। भाभी के मुंह से तो बस सिसकरियं निकल रहे थी आह आआआअह आआआआआह्हह अब मैं बूब्स से नीचे भाभी की चूत पर आया क्या क्लीन चूत थी एक भी बाल नहीं। मैने पहले तो भाभी की चूत को खूब चाटा फिर एक्स एक्स एक्स फ़िल्मो की तरह जोर २ से उंगली करने लगा। भाभी आअह आआआह देवेर जी कर रहे थी। फिर मैने भाभी को घोड़ी बनने के लिये कहा भाभी घोड़ी बन गयी मैने अपना लंड चूत में डाल दिया और जोर जोर से चोदने लगा। इस तरह मैने ३० मिनट तक भाभी को अलग २ पोजिशन में चोदा (सोफ़े पर भी)। अब मैं थक गया था। भाभी बोली तुमने तो मेरे बहुत मज़े ले लिया मेरे शानदार फ़ीगर वाले बूब्स को चूस २ और मसल २ कर लटका और खाली कर दिया अब मेरी बारी है। मैं लेट गया

भाभी मेरे उपर चढ़ गयी और मेरे सीने पर मसलने और चूसने लगी और मेरे भी छोटे २ बोब निकाल दिये मैं भी भाभी के बूब्स को मसल रहा था फिर भाभी मेरे लंड को पकड़ कर चूसने लगी करीब १५ मिनट तक उसने मेरे लंड को चूसा।अब हम दोनो को नींद आ रही थी हम उसी हालत में सो गये। सुबह उठ कर हम दोनो साथ ही टब में नहाये और मैने भाभी के एक एक अंग को रगड़ २ कर धोया। इसके बाद भी हम २ -३ दिन तक सेक्स का आनंद लेते रहे। अब भी कभी मौका मिलता है तो हम शुरु हो जाते हैं। साथ में घर पर ही नेट पर साइट्स देखते हैं।

मुझे तो साड़ी सेक्स बहुत पसंद है। एक एक कपड़ा ब्लाउज साडी ,ब्रा ,पेटीकोट खोलने का मज़ा कुछ और ही है। मैं अपनी ड्रीम गर्ल को भी साड़ी में ही देखना चाहता हूं।