Tuesday, January 19, 2016

एक रात मोटी गांड वाली आंटी के साथ

Indian Hindi Sex Stories Antarvasna Kamukta एक रात मोटी गांड वाली आंटी के साथ

हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम समीर है और में मध्यप्रदेश का रहने वाला हूँ। मेरी उम्र 24 साल और मेरा हाईट 5.5 और रंग सांवला है। दोस्तों में कामुकता डॉट कॉम पर बहुत सारी सेक्सी और लंड का पानी निकाल देने वाली कहानियाँ पड़ा चुका हूँ और यह सब मुझे बहुत पसंद आई। तो अब में अपना पहला सेक्स अनुभव लिख रहा हूँ.. तो अब आपको ज्यादा बोर नहीं करते हुए में सीधे अपनी कहानी पर आता हूँ। दोस्तों यह बात अभी से कुछ महीने पहले की है। में एक नये घर में किरायेदार बनकर रह रहा था और मेरी मकान मालिक जो नीचे रहती और में ऊपर रहता था.. उनकी उम्र 38 साल होगी और उनके पति जो कि एक राजनेता थे और उनको अक्सर काम के सिलसिले में बाहर रहना पड़ता था और आंटी हमेशा अकेली रहती थी। तो इस दौरान मेरी उनसे बहुत अच्छी ख़ासी दोस्ती हो गई थी और हर कभी बाहर आते जाते हम एक दूसरे से बातचीत कर लेते थे.. लेकिन कभी मेरे दिमाग में उनके लिए कोई ग़लत सोच नहीं आई लेकिन वो दिखने में बहुत सेक्सी लगती थी। उनकी बड़ी बड़ी गोल गोल गांड और उनके बड़े बूब्स.. उनका फिगर करीब 30-36-34 होगा और वो बहुत सेक्सी दिखती थी.. लेकिन वो थोड़ी मोटी औरत है और मुझे मोटी औरत बहुत पसंद थी।
तो यह बात उस समय की है जब मध्यप्रदेश में बहुत गर्मी थी और अंकल उनके कुछ जरूरी काम से 10 दिन के लिए बाहर टूर पर गए हुए थे.. अब तो आंटी घर पर सिर्फ़ अकेली थी। फिर जब उस रात को में घर पर आया तो वो मुझसे पूछने लगी कि क्या में आज उनके घर खाना खा सकता हूँ? तो मैंने भी मना नहीं किया और हाँ कर दी और फिर रात को उनके घर पर खाने पर चला गया। फिर रात को मैंने जब उनकी डोर बेल बजाई तो उन्होंने दरवाजा खोला और मेरा दिमाग उन्हें देखकर खराब हो गया.. उन्होंने एक पारदर्शी गाऊन पहना था जिसमें से उनके बूब्स साफ साफ दिख रहे थे और दोस्तों बताऊँ क्या मस्त लग रही थी? बहुत ही ज्यादा सेक्सी.. उनकी वो बड़ी बड़ी गांड और उनके वो बड़े बड़े बूब्स में तो देखकर पागल ही हो गया। फिर हम अंदर गये और हम लोगों ने एक साथ बैठकर खाना खाया और में खाना खाने के बीच चोरी छिपे उनके बूब्स को थोड़ा थोड़ा देख रहा था।
तो शायद उन्हें यह बात पता चल गई थी और तभी उन्होंने बोला कि क्या देख रहे हो? लेकिन मैंने कुछ नहीं कहा और उन्होंने थोड़ी देर के बाद फिर से कहा कि आज में घर पर अकेली हूँ तो अगर आप आज रात मेरे साथ रह जाएँगे तो मुझे डर नहीं लगेगा। फिर यह बात सुनते ही तो मेरी जैसे किस्मत ही खुल गई और में तो यह बात सुनकर पागल सा हो गया। फिर मैंने पहले जानबूझ कर ना कहा.. तो उनके बार बार कहने पर मैंने हाँ कहा और फिर में रात को उनके घर सोने गया और बैठकर ऐसे ही बातें करने लगे इस बीच बात करते करते उन्होंने मुझसे पूछा कि मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है क्या? तो मैंने कह दिया कि नहीं। तो उन्होंने पूछा कि क्यों? फिर मैंने कहा कि मुझे आज तक मेरी पसंद की लड़की नहीं मिली। फिर हम एक दूसरे से ऐसे ही बात कर रहे थे और टीवी देख रहे थे। तभी अचानक टीवी में एक सेक्सी हॉट सीन आया और वहाँ पर वो हॉट सीन देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया और शायद आंटी ने वो नोटीस कर लिया। फिर उन्होंने कहा कि चलो हम सोते है मुझे नींद आ रही है और यह कहकर आंटी अपने रूम में जाकर सोने लगी। जब में वहाँ पर सोफे पर सोने वाला था तो उन्होंने कहा कि अगर में सोफे पर सोऊंगा तो उनके रूम पर कौन सोएगा और उन्हे अकेले सोने में बहुत डर लगता है। फिर में राज़ी हो गया और हम लोग उनके कमरे में सोने लगे.. में नीचे जमीन पर सो गया और वो ऊपर बेड पर सोई हुई थी। फिर रात गुज़री और मुझे हल्की सी नींद आ गई थी और मेरी आँख बंद हो गई थी। तभी मुझे कुछ एहसास हुआ जैसे कि कोई मेरे लंड को पकड़ रहा है और जैसे ही मैंने अपनी आंख खोली तो मेरा दिमाग़ खराब हो गया.. आंटी ने मेरी पेंट की चैन को खोल दिया और मेरे मोटे लंड को अपने हाथ में लेकर देख रही थी और मुझे भी देख रही थी कि कहीं में जगा तो नहीं। फिर में सोने की एक्टिंग कर रहा था और कुछ देर बाद आंटी ने अपने हाथ में लंड लेने के बाद उसे अपने मुहं में भर लिया। तभी मेरे सारे बदन पर जैसे कि कोई करंट दौड़ा गया। वो क्या अहसास था यारों.. पूछो मत और बीच बीच में वो मुझे देख रही थी। वाह क्या नजारा था? आंटी मेरे लंड को चूस रही थी तो लंड और बड़ा हो गया और मुझसे अब कंट्रोल नहीं हो रहा था और आंटी भी मेरा 7 इंच के लंड को देखकर मन ही मन बहुत खुश हो रही थी और मुस्कुरा रही थी। दोस्तों ये कहानी आप कामुकता डॉट कॉम पर पड़ रहे है।
तभी अचानक में सीधा ही उठाकर बैठ गया.. यह देखकर आंटी घबरा गयी और मुझसे कहने लगी कि में बहुत दिन से प्यासी हूँ.. तुम्हारे अंकल मुझे कभी चोदते ही नहीं। प्लीज तू आज मुझे चोद तेरा यह रसीला लंड देखकर में अब कंट्रोल नहीं कर सकती। तभी यह बात सुनते ही में उनके ऊपर टूट पड़ा और उनको किस करने लगा.. हमने लगभग 15 मिनट किस करने के बाद उसने मुझे 69 पोज़िशन में आने को कहा और वो मेरे लंड को सहला रही थी और में उनके पेटिकोट को ऊपर करके उनकी पेंटी के ऊपर से ही उनकी चूत को सूंघने लगा.. क्या खुश्बू थी क्या रसीली खुश्बू जैसे अभी वो सेंट लगाकर आई है। फिर उन्होंने भी मेरे लंड को बहुत देर तक चूसा और फिर हम खड़े हो गए और वो कहने लगी कि क्या लंड है तेरा बहुत बड़ा और बहुत मस्त। तू प्लीज उसे मेरी गांड में डाल.. मुझे तुझसे गांड मरवानी है। फिर यह बात सुनकर में भी कहाँ रुकने वाला था.. फिर मैंने उन्हे घोड़ी बनने को कहा और एक तेल की बोतल लाया और थोड़ा सा उनकी गांड पर और थोड़ा मेरे लंड पर लगाकर लंड को गांड पर सेट किया और एक धीरे से धक्का दिया। तभी थोड़ा सा लंड गांड के अंदर गया और आंटी ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी उईइ माँ मर गई.. थोड़ा धीरे धीरे डालो बहुत दर्द हो रहा है।
फिर में धीरे धीरे अपने लंड को आगे पीछे करने लगा और वो चुदाई का मजा लेने लगी। फिर जब उनका दर्द थोड़ा कम हुआ तो वो कहने लगी कि चोद मेरे राज़ा.. आज मेरी गांड फाड़ दे और मुझे जोश आ गया और में ज़ोर ज़ोर के धक्के देकर पूरा लंड अंदर बाहर करने लगा। फिर जैसे ही मैंने पूरा लंड ज़ोर के धक्के के साथ उनकी गांड के अंदर बाहर किया वो ज़ोर से चिल्लाने लगी और कहने लगी कि और ज़ोर से मुझे चोद और चोद। तो मैंने अपनी स्पीड बड़ा दी और फिर ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा.. उन्होंने भी अपना साथ देते हुए अपनी गांड को भी हिलाना शुरू कर दिया। लगभग 30 मिनट की चुदाई के बाद मैंने उनकी गांड में ही अपना माल छोड़ दिया और उनके ऊपर लेटा रहा। कुछ देर के बाद उन्होंने मुझे एक लिप किस किया और में उनके बूब्स को चूसने लगा। थोड़ी देर बाद वो अपना हाथ मेरे लंड पर रखकर उसे सहलाने लगी और फिर से मेरा लंड खड़ा हो गया और अब वो सीधी होकर अपने दोनों पैरों को फैलाकर लेट गई और मुझे एक बार फिर से चोदने को कहा। मैंने भी उनकी गांड के नीचे एक तकिया लगाया और उनकी चूत को बेड से थोड़ा ऊपर उठाया.. अपना लंड चूत के मुहं पर रखा और एक ज़ोर का धक्का दिया। तभी लंड फिसलकर चूत की गहराइयों में चला गया.. क्योंकि चूत पहले से ही बहुत गीली हो चुकी थी और में पूरा लंड डालकर चोदने लगा। क्या चूत थी यार.. बहुत ही साफ जैसे उसने आज ही चूत को साफ किया हो.. में तो पागल हो रहा था और आंटी ने भी मेरा साथ देते हुए वो भी पागल हो रही थी और वो उम्म उफ्फ्फ अह्ह्ह इईईई उफ्फ्फ्फ़ छप छप पूरे रूम से आवाज आ रही थी। मैंने उस दिन उनको बहुत सी नई नई स्टाईल से चोदा। कभी मैंने उनको किचन में चोदा तो कभी उनके रूम में। मैंने उस रात उनको 5 बार चोदा और सुबह के समय भी मैंने उनको एक बार और चोदा। अब तो मुझे जब भी समय मिलता है में उन्हें चोदता हूँ और हम रोज़ रात को सेक्स करते है और कभी कभी दिन में भी अगर टाईम मिले तो में उनके रूम में आकर उनकी चुदाई कर आता हूँ।
धन्यवाद …

आंटी और उसकी बड़ी बहन की चुदाई

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आंटी की चूत का भोसड़ा बनाया

Kamukta Hindi Sex Stories आंटी की चूत का भोसड़ा बनाया

हैल्लो दोस्तों.. आप सभी कामुकता डॉट कॉम के चाहने वालों को धन्यवाद। दोस्तों मेरा नाम मोन्टी है और में दिल्ली का रहने वाला हूँ.. मेरी उम्र 20 साल की है और में चाहता हूँ कि में भी आप सभी को अपनी लाईफ का फर्स्ट सेक्स अनुभव बताऊँ। दोस्तों में बिल्कुल अकेला हूँ और हमेशा चुदाई के बारे में सोचता रहता हूँ। अब में आप लोगो को अपनी कहानी सुनाता हूँ।
दोस्तों में जब 18 साल का हुआ तो मुझे सेक्स बहुत ज़्यादा चड़ने लगा और मेरा लंड किसी भी मस्त औरत या लड़की की गांड देखकर खड़ा हो जाता था। मुझे अब किसी के साथ सोना था और अपनी सेक्स की प्यास मिटानी थी। हमारे पड़ोस में एक फेमिली रहती थी उसमे एक आंटी उनके पति और उनके 3 बच्चे रहते थे। ये बात तब की है.. जब में 19 साल का हुआ। आंटी मुझे बड़ी मस्त लगने लगी और उनकी उम्र 42 साल की थी.. लेकिन उनकी उम्र 36 साल की लगती थी। उनके जिस्म की तो क्या बात थी। उनका जिस्म का साईज़ 38-36-48 था। फिर जब भी वो सूट पहनती तो एकदम माल लगती थी और जब भी वो हमारे घर पर आती तो में उनकी गांड का मजा लेकर मुठ मार लिया करता.. लेकिन अब मुझसे ज़्यादा दिनों तक ये नही किया गया.. क्योंकि अब मुझे भी अपने लंड और मुहं को चूत का स्वाद चखाना था और में उस मौके की तलाश में था कि में उनकी चूत को चोदूं.. लेकिन कोई मौका नहीं मिला.. लेकिन एक दिन 3 महीनो के बाद मुझे वो मौका मिला।
में एक दिन किसी ज़रूरी काम से उनके घर गया। गेट खुला था और फिर मैंने आवाज़ मारी.. लेकिन कोई जवाब नहीं आया। फिर मैंने दोबारा आवाज़ लगाई फिर भी कोई जवाब नहीं आया तो में आगे बड़ा और बाथरूम की तरफ गया जैसे ही में बाथरूम के पास पहुंचा तो मेरी पैरो तले ज़मीन खसक गई। मैंने देखा कि आंटी अपनी गांड मटकाते हुए पूरी नंगी होकर बाथरूम में जा रही है और फिर उन्होंने गेट बंद कर दिया.. लेकिन शायद उन्हे ध्यान नहीं रहा कि उन्होंने गेट बंद नहीं किया। मेरा लंड अब उन्हें इस हालत में देखकर धीरे धीरे खड़ा होने लगा था.. क्योंकि मैंने पहली बार किसी औरत को पूरी नंगी देखा था और अब मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था। तभी में पास जाकर गेट के छेद से अंदर झांकने लगा और आंटी गाना गाते हुए शावर ले रही थी और अपने जिस्म पर साबुन लगा कर अपने बूब्स दबा रही थी। फिर उन्होंने अपने हर एक अंग को रगड़ रगड़ कर अच्छे से साफ किया और बैठकर अपनी चूत में ऊँगली डालने लगी। तभी में जोश में आ गया था और फिर मैंने मुठ मारनी शुरू कर दी आंटी सारी दुनिया को भूल कर चूत में ऊँगली कर रही थी। फिर लगभग 10 मिनट ऊँगली करने के बाद आंटी भी झड़ गई और में भी वहीं पर गेट के ऊपर ही झड़ गया और फिर झड़ने की वजह से मेरे मुहं से ओह आह ओह आइईए की आवाज़ निकल पड़ी। तभी आंटी एकदम खड़ी हुई और भागकर गेट खोला तो में ठीक से सम्भल भी नहीं पाया और आंटी मेरे सामने आकर खड़ी थी बिल्कुल नंगी। तभी में आंटी को ऊपर से नीचे तक निहारने लगा और आंटी मेरे लंड को निहारने लगी जो कि 5.4 इंच था। फिर आंटी ने एकदम से टावल लपेटा और पूछा कि में यहाँ पर कैसे? तभी मैंने भी अपनी पेंट पहनी और कहा कि में कुछ समान लेने आया था। फिर आंटी ने कहा कि तो तू अपनी पेंट उतार कर क्या कर रहा था? फिर में चुप रहा और बिना कुछ बोले उनको देखता रहा।
तभी आंटी ने पूछा कि तुझे कितने देर हो गई यहाँ पर आए हुए? फिर मैंने कहा कि जब से आप नहाने के लिए बाथरूम के अंदर गई है। फिर आंटी ने कहा कि सच सच बता तूने क्या क्या देखा? फिर में चुप था और आंटी ने कहा कि लडकियों की तरह शरमा मत.. जल्दी से बता यहाँ पर तूने क्या देखा? तभी मैंने थोड़ी हिम्मत करके कहा कि जो भी आपने बाथरूम के अंदर किया वो सब मैंने देखा। तभी आंटी ने कहा कि क्या तुझे शरम नहीं आई? फिर मैंने कहा कि आंटी थोड़ी सी आई थी। फिर आंटी मुझे पकड़ कर अपने बेडरूम में ले गई और बोला कि तेरे पापा को ये सब बात बताउंगी। दोस्तों ये कहानी आप कामुकता डॉट कॉम पर पड़ रहे है।
फिर मैंने कहा कि प्लीज आंटी मुझे माफ़ कर दो.. आंटी बोली कि तुझे मेरे लिए एक काम करना पड़ेगा। फिर मैंने कहा कि क्या? तो वो कहने लगी कि मुझे खुश करके। तभी मैंने कहा कि में आपका मतलब नहीं समझा.. तभी आंटी ने कहा कि मुझे तू अगर आज जम कर प्यार करेगा तो ही में चुप रहूंगी और फिर उन्होंने मुझे बेड पर लेटाकर चूमने लगी। में अब उनके रसीले होंठो का स्वाद चख रहा था। में बहुत खुश था क्योंकि आज मेरे लंड की सुहागरात होने वाली थी और मैंने भी आंटी को कस लिया अपनी बाहों में और चूमने लगा। हम दोनों एक दूसरे को ऐसे ही चूमते रहे.. 15 मिनट तक चूमने के बाद आंटी मेरे पूरे शरीर को चूमने लगी और अपने हाथों से मेरा लंड सहलाने लगी.. मुझे बहुत मज़ा आने लगा।
फिर में बेड पर लेटा हुए था और मस्त हो रहा था। तभी आंटी ने पूरा लंड आपने मुहं में डाला और उसे एक भूखी शेरनी की तरह चूसने लगी और मेरी ख़ुशी का ठिकाना न था। में अब सातवें आसमान में था और जन्नत की सेर कर रहा था.. वो बिल्कुल एक रंडी की तरह मेरा लंड चूस रही थी और में आह आह कर रहा था। फिर 15 मिनट तक लंड चूसने के बाद में उनके मुहं में झड़ गया और उन्होंने सारा वीर्य पी लिया और उन्होंने मेरा लंड चाट चाटकर साफ कर दिया और बेड पर लेट गई। अब में उनके बूब्स दबाने लगा और किस करने लगा। फिर में उनका एक बूब्स दबाता और एक चूसता में पागल कुत्ते की तरह उनके बूब्स चूस रहा था और वो मस्ती में अहह उफ़फ्फ़ उफफफफ्फ़ आह कर रही थी। तभी मैंने उनके बूब्स चूस चूसकर लाल कर दिए थे और उनके बूब्स में से थोड़ा दूध भी निकला और में उसे भी पी गया। फिर में उनके पूरे जिस्म को चूमता हुआ चूत तक आया और उसे सूंघने लगा। उनकी चूत से बहुत मादक खुश्बू आ रही थी। वो बूब्स को चूसने की वजह से थोड़ी गीली थी। फिर मैंने उनकी टाँगे खोली और जंगली जानवर की तरह चूत को चाटने लगा और वो जोर जोर से चिल्लाने लगी.. आह मेरे बेटे चोद दे अपनी आंटी को ऊऊहह आआहह अफ मेरे लंड वाले राजा फाड़ डाल इस चूत को.. कब से प्यासी है तेरी ये रंडी आंटी.. ओह मेरे राजा चाट और चाट.. उफफफ्फ़ आआइईए उफ्फ्फ्फ़ माँ मरी तेरी रंडी आंटी कह रही है.. मेरे बेटे और उन्होंने मुहं को अपनी चूत पर दबा दिया और झड़ गई और मैंने सारा रस पी लिया और चूत चाट चाट कर साफ कर दी और उन्हे किस करने लगा। वो मेरा लंड पकड़ कर सहलाने लगी मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया। अब आंटी ने कहा कि आओ मेरे राजा बेटे अपनी आंटी को अपने लंड का जलवा दिखाओ।
तभी में आंटी की चूत के पास आकर बैठ गया और उनके दोनों पैरों को अपने कंधे पर रख लिया और उनकी चूत के छेद पर निशाना लगाया और एक ज़ोरदार झटका मारा और लंड एक बार में ही उनकी चूत की गहराइयों में चला गया और मुझे पता भी नहीं चला और में जोर जोर से धक्के देकर उनको चोदने लगा और वो मेरे हर एक धक्के से खुश होकर कहे जा रही थी कि अह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ माँ मरी चोद मेरे बेटे और जोर से चोद.. आज बना दे अपनी आंटी की चूत को भोसड़ा। फिर में जोश में आकर और तेज धक्के दिये जा रहा था और वो बड़े जोर से सिसकियाँ ले रही थी। में उनके दोनों पैरों को पकड़ कर स्पीड बड़ा कर चोदे जा रहा था। तभी करीब दस मिनट की चुदाई के बाद वो झड़ गई और बिल्कुल शांत होकर चुदवाती रही। उनके झड़ने के करीब पांच सात मिनट बाद में भी उनकी चूत में जोरदार धक्को के साथ झड़ गया और अपना पूरा वीर्य उनकी चूत में डाल कर थक गया और उनको सीधा पटककर उनके बूब्स चूसने लगा।
तभी आंटी कहने लगी कि आज तूने सही में मेरी चूत को चोद कर भोसड़ा बना दिया है अब कभी तू मुझे आकर चोद सकता है में तेरी इस चुदाई से बहुत खुश हूँ। फिर दोस्तों मैंने उस दिन आंटी को दो घंटो के बीच में तीन बार चोदा और उनकी चूत का भोसड़ा बना दिया और फिर जब भी मुझे मौका मिलता है में आंटी को चोदने लगता हूँ कभी उनके घर पर तो कभी मेरे घर पर। उनकी बहुत घिस घिस कर चुदाई करता हूँ ।।
धन्यवाद …

पड़ोस की ब्यूटी पार्लर वाली

Hindi Sex Stories पड़ोस की ब्यूटी पार्लर वाली Pados Ki Beauty Parlor Wali

हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम राजीव है और मेरी उम्र 23 साल है। में महाराष्ट्र का रहने वाला हूँ। दोस्तों मुझे कामुकता डॉट कॉम पर सेक्सी कहानियाँ पढ़ना बहुत अच्छा लगता है और में जब भी टाईम मिलता है इस साईट से जुड़ा रहता हूँ। दोस्तों फिर एक दिन मैंने सोचा कि क्यों ना में भी अपनी कहानी आप सभी को सुनाऊँ.. तो आज में आप सभी के सामने अपनी एक सच्ची कहानी लेकर आया हूँ और अगर मुझसे इसमें कोई गलती हो तो प्लीज मुझे माफ़ करना क्योंकि यह मेरी पहली कहानी है।
दोस्तों मेरी खुद की एक दुकान है और उसके पास में ही एक लेडीस ब्यूटी पार्लर है उन्हें में सुनीता के नाम से बुलाता हूँ.. वो दिखने में तो एकदम सेक्सी है और अगर आप देखोगे तो लंड खड़ा हो जाएगा। मैंने वहाँ पर अभी कुछ समय पहले ही दुकान खोली है.. लेकिन वो वहाँ पर पिछले 5 साल से है। में उनसे ज़्यादा बात नहीं करता था.. बस दूर से उनको देखा करता था.. वो बरसात का मौसम था और शाम के कुछ 6-7 बजे होंगे.. तभी बहुत ज़ोर से हवा के साथ बारिश होने लगी थी और लाईट भी चली गई।
उनका पति बहुत दारू पीता था.. तो वो उस दिन ड्रिंक करके दुकान पर लड़खड़ाते गिरते पड़ते आया। उसके पूरे कपड़े कीचड़ से सने हुए थे.. शायद हो कहीं कीचड़ में गिरकर आया था और उसके पास से बहुत तेज दारू की बदबू आ रही थी और वो आते ही सुनीता को गालियां बकने लगा। सुनीता ने उनसे कहा कि आप घर जाओ में अभी कुछ देर में घर आती हूँ। तो मुझे यह सब देखकर बहुत बुरा लगा और मैंने सुनीता से पूछा कि सुनीता क्या वो हमेशा ऐसा करते है? तो उन्होंने कुछ जवाब नहीं दिया और अपने पार्लर में जाकर रोने लगी.. मुझे अच्छा नहीं लग रहा था। तो में भी उनके पीछे पीछे अंदर चला गया और उनसे कहा कि आप बहुत परेशान है ना? तो वो मुझ पर बहुत ज़ोर से चिल्लाई और कहा कि तुम मुझे और परेशान ना करो और प्लीज यहाँ से चले जाओ। तो में भी वहाँ से बाहर आ गया और अपनी दुकान में चला गया। फिर 8.30 बजे उन्होंने मुझे आवाज़ लगाई.. में भी झट से उनके यहाँ चला गया और वहाँ पर जाकर उनके सामने खड़ा हो गया। तो उन्होंने मुझे सॉरी कहा.. तो मैंने कहा कि कोई बात नहीं सब ठीक है और फिर वो वापस रोने लगी और मुझे सब बताने लगी कि उनके पति रोज़ ड्रिंक करके आते है और गालियां बकते है और कभी कभी उन्हें मारते भी है।
फिर मैंने फिर उन्हें पीने को पानी दिया और ना रोने को कहा। हमारी दुकान के बाहर बारिश हो रही थी और हमें घर के लिए निकलना था.. लेकिन बारिश की वजह से में निकल नहीं पा रहा था। तो मैंने सोचा कि क्यों ना यहीं पर बैठकर थोड़ा सुनीता का मूड ठीक किया जाए.. मैंने फिर इधर उधर की बातें की और उनका मन बहलाने लगा। उनका मूड जैसे जैसे ठीक हो रहा था.. मेरा लंड खड़ा हो रहा था और में बार बार उनके बड़े बड़े बूब्स की तरफ देख रहा था। उस दिन उन्होंने काली कलर की साड़ी पहनी हुई थी और उनके बड़े बड़े बूब्स ब्लाउज में से और भी सुंदर दिख रहे थे.. मेरा तो बस अब झड़ना ही बाकी था और में बार बार अपने लंड को सेट कर रहा था। कहीं पेंट से उन्हे मेरा खड़ा लंड दिख ना जाए.. वो अब मुझसे बहुत अच्छे से हंस हंसकर बात कर रही थी.. एकदम अच्छे दोस्त की तरह और फिर मैंने मौका देखकर उनसे पूछा कि क्या आपके पति आपको संतुष्ट नहीं करते है? तभी अचानक उनके चेहरे से मानो हँसी ही गुम हो गई और उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। तो में टेंशन में आ गया कि कहीं वो गुस्सा ना हो जाए और यह सोचकर मैंने उनसे कहा कि चलो अब में घर जाता हूँ। तो उन्होंने मुझे कहा कि रुक जाओ थोड़ी देर.. बारिश बंद होने दो फिर चले जाना। तो में भी उनके कहने पर वहीं पर रुक गया। तो उन्होंने मुझे कहा कि तुमने अभी कुछ देर पहले ऐसा क्यों पूछा कि में संतुष्ट हूँ या नहीं? तो मैंने कहा कि मेरे दिल में आया तो मैंने पूछ लिया.. उनकी आँखें गीली हो गई थी और में समझ गया कि वो अपने पति से नाखुश है.. अब एक तरफ मुझे अच्छा भी लग रहा था.. क्योंकि मुझे चान्स मारने का मौका मिल गया था। फिर में उनके पास जाकर बैठ गया और फिर मैंने थोड़ी हिम्मत करके उनके कंधे पर हाथ रख दिया। उन्होंने एकदम से मेरे हाथ पर उनका हाथ रख दिया.. तो में समझ गया कि आज मेरी लॉटरी निकल गई। दोस्तों ये कहानी आप कामुकता डॉट कॉम पर पड़ रहे है।
में फिर उनकी पीठ पर अपना हाथ ले गया और सहलाने लगा.. उन्हे धीरे धीरे बहुत अच्छा लग रहा था और वो लंबी लंबी साँसे भरने लगी थी। तो मैंने उन्हे कहा कि एक मिनट रूको में दरवाज़ा बंद करता हूँ और मैंने उठकर उनके पार्लर का काँच खोला और अंदर से शटर नीचे खींच लिया.. उस समय लाईट भी नहीं थी.. एमर्जेन्सी बेटरी की लाईट भी कम हो गई थी। वो चुपचाप खड़ी थी और में उनके पास गया और उन्हे पकड़ लिया। उन्होंने भी मुझे कसकर पकड़ लिया और उनके बूब्स मेरी छाती से दब रहे थे और में उनकी पीठ पर हाथ मसल रहा था और हम दोनों को बहुत अच्छा लग रहा था। फिर मैंने उनकी साड़ी उतार दी.. वो अब मेरे सामने सिर्फ़ ब्लाउज और पेंटी में थी.. मैंने धीरे धीरे ब्लाउज के ऊपर से ही उनके बूब्स दबाना, सहलाना शुरू किया। तभी उन्होंने अपने हाथ से मेरे लंड को पकड़ा और दबाने लगी.. मुझे बहुत अच्छा महसूस हो रहा था। मैंने फिर उनको पूरा नंगा कर दिया और में भी नंगा हो गया.. फिर मैंने उन्हे किस किया और थोड़ी देर बाद मेरा खड़ा लंड पूरा उनकी चूत में घुस रहा था और वो आहह उफ्फ्फ सीईईईई कर रही थी।
तो मैंने उन्हे गोद में उठाकर कुर्सी पर बैठाया और उनके दोनों पैर कुर्सी के हेंडल पर रखने को कहा। जिससे उनकी चूत चौड़ी हो गई। उनकी चूत पर हल्के हल्के बाल थे और चूत रस से एकदम गीली थी.. थोड़ी देर बाद में उनकी चूत में अपनी जीभ घुमाने लगा और चूत को अपनी ऊँगली से चौड़ा करके और अंदर चलाने लगा और में अपनी जीभ को बहुत अच्छे से चूत में घुमा फिरा रहा था.. वो आहह उफ्फ्फ सीईई कर रही थी और मेरे सर को अपनी चूत पर दबा रही थी। तभी उनकी चूत से पानी निकलने लगा और में अपनी उंगली उसमे डालकर ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगा और वो झड़ गई। मेरे ऊँगली के ज़ोर ज़ोर से आगे पीछे करने की वजह से वो सिहर उठी और उनकी चूत का बहुत सारा पानी एकदम बाहर निकल गया.. जैसे कि उनकी चूत का बांध टूट गया हो और वो बरसों से चूत में इकट्टा हो.. उनके पानी से पूरी कुर्सी गीली हो चुकी थी.. लेकिन वो फिर भी वैसे ही कुर्सी पर बैठी हुई थी और में उनके सामने खड़ा धीरे धीरे चूत में ऊँगली डाल रहा थ। तभी उन्होंने मेरा लंड पकड़ा और हिलाने लगी। में चाहता था कि वो मेरे लंड को चूसे और फिर मैंने अपना लंड पकड़ा और उनके मुहं के पास ले गया। वो भी समझ गई.. उन्होंने भी लंड को पकड़ा और पागलों की तरह चूसने लगी और काटने भी लगी.. जैसे वो कोई टॉफी चबा रही हो।
फिर में झड़ने वाला था और मैंने उनसे कहा कि मेरा निकालने वाला है। तभी उन्होंने जल्दी से लंड को अपने मुहं से बाहर निकाला और ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगी और फिर एकदम मेरा पूरा शरीर अकड़ गया और लंड से एक जोरदार पिचकारी निकली और में झड़ गया और उनका हाथ मेरे वीर्य से भर गया था और मुझे अब बहुत अच्छा महसूस हो रहा था। फिर मैंने उन्हे वहाँ से उठने को कहा और में कुर्सी पर बैठ गया और उन्हे अपने ऊपर बैठा दिया और अब उनकी गांड मेरे लंड पर थी और मेरा एक हाथ उनके बूब्स पर था। में उनके बूब्स दबा रहा था और निप्पल से खेल रहा था। ऐसा करते करते मुझे करीब आधा घंटा हो चुका था और मेरा लंड वापस टाईट हो गया। मैंने उन्हे उठाया और नीचे लेटा दिया और फिर लंड को चूत में डालकर उन्हे चोदने लगा। मेरे हर झटके से वो पूरा हिल जाती थी और चुदाई के मजे ले रही थी। उस दिन मैंने उन्हें इतना चोदा जिसकी कोई हद नहीं और उसके बाद अभी तक में उन्हे बहुत बार चोद चुका हूँ। दोस्तों में उम्मीद करता हूँ कि यह कहानी आपको बहुत पसंद आई होगी ।।

दो लंड से चुत फाड़ चुदाई

Chudai Antarvasna Kamukta Hindi sex Indian Sex मेरा नाम सुनीता है और में 29 वर्षीय मॉडर्न महिला हूँ.. मेरी शादी को 5 साल हो चुके है लेकिन बात पिछले महीने की है. मेरा ए.सी. रात को चलते चलते अचानक बंद हो गया तो मेरे पति ने सुबह एक मैकेनिक को फोन किया और उसने 11 बजे आने का वक़्त दिया. मेरे पति 10 बजे ऑफिस चले गये और मुझसे बोले अगर कोई बड़ी प्रोब्लम हो तो मुझे कॉल करना. में अपने रोज के काम मे व्यस्त हो गई और में 11.30 बजे तक इंतज़ार करती रही..

मैकेनिक नहीं आया तो में नहाने चली गई और में नहाकर वापस आई और कांच के सामने अपना नंगा बदन निहारने लगी. फिर में अपने पूरे शरीर पर बॉडी लोशन लगाने लगी.. क्योकि कल रात को ए.सी. खराब होने से गर्मी बड़ गई और हमारी चुदाई भी अधूरी रह गई थी और जिसकी खुमारी अभी तक मेरे बदन में थी.. मेरा हाथ मेरी चूत को छूने लगा और में हल्के से चूत सहलाते हुयें उत्तेजना में गुम हो गई.
अचानक से मुझे लगा कि जैसे मुझे कोई देख रहा हो तो मैने तुरंत अपनी नाइटी पहन ली और जल्दबाज़ी में ब्रा और पेंटी नहीं पहनी और में अक्सर घर पर शोर्ट नाइटी पहनती हूँ.. जो मेरे घुटनो के थोड़े ऊपर रहती है. में कमरे के बाहर आई तो वहां कोई नहीं था लेकिन घर का मेन दरवाजा खुला था और में शायद लॉक करना भूल गई थी.
में दरवाजा लॉक करने गई तो वहां एक 30-32 साल का पुरुष दरवाजे पर खड़ा था और उसके हाथ में टूल किट था और वो मुझे मुस्कुराती नज़रों से देख रहा था तो मुझे ऐसा लगा कि यही मुझे अभी बेडरूम में देख रहा था और मेरी आहट आते ही बाहर खड़ा हो गया. ग़लती मेरी ही थी.. मुझे ध्यान से गेट लॉक करना चाहिये था और उसकी नज़रों में वासना दिखाई दे रही थी और नीचे पेंट में उसके खड़े लंड का उभार था.. जो कि करीब 8 इंच का लग रहा था.
वैसे में जानकारी के लियें बता दूँ कि मेरे पति का लंड सिर्फ़ 5 इंच का है. सॉरी मेडम थोड़ी देर हो गई.. मेरा नाम फ़िरोज़ है और में ए.सी. ठीक करने आया हूँ. मैने उसे अंदर आने दिया और बेडरूम में ले गई और उसे ए.सी. दिखा दिया.. तो वो ए.सी. का कवर खोलने लगा और कवर खोलकर उसे रखने के लिये बेड की तरफ मुड़ा.. तभी हम दोनो की नज़र एक साथ बेड पर पड़ी और जहाँ पर में अपनी चूत को सहला रही थी वहां मेरी चूत से टपकी बूँदो के कारण निशान पड़ गया था और कॉटन सफ़ेद बेड शीट पर साफ दिखाई दे रहा था..
हम दोनो की नज़रे मिली और वो मुझे वासना से घूर रहा था. में शर्म से लाल हो गई और मैने तुरंत उसके ऊपर एक चादर रख दिया और रूम से बाहर आ गई. थोड़ी देर बाद मेरे दिमाग़ में आया कि बेडरूम में मेरी ज्वेलरी और दूसरे कीमती कागजात है.. इसलिये में बेडरूम में वापस जाकर स्टूल पर बैठ गई.
थोड़ी देर बाद फ़िरोज़ बोला मेडम ए.सी. के आउटडोर में पानी जा रहा है और शायद पानी की लाइन में प्रोब्लम है.. किसी प्लमबर को बुलाना पड़ेगा.. लेकिन में किसी प्लमबर को नहीं जानती और कभी ज़रूरत ही नहीं पड़ी. फ़िरोज़ बोला कोई बात नहीं मेडम आप कहे तो मेरा एक दोस्त है राजेश उसे बुला लूँ.. मैने हाँ में सर हिलाया और कोई उपाय भी नहीं था.
उसने राजेश को फोन करके बुलाया और फिर दोनों रिपेयर करने लगे और तभी फ़िरोज़ ने मुझसे वारंटी कार्ड किट माँगी. मैने अपने पति को फोन लगाया और उनसे वारंटी कार्ड के बारे में पूछा तो उन्होने बताया कि वो उपर वाली ड्रॉ में है.. अलमारी की ड्रॉ में भी जरुरी कागजात थे और इसलिये मैंने ही ऊपर से उतारना उचित समझा. इसलियें में स्टूल पर चड़ने लगी लेकिन स्टूल थोड़ा ऊँचा था तो फ़िरोज़ ने स्टूल पकड़ लिया और मुझे सहारा देकर चड़ा दिया.. उपर चड़ने के बाद मुझे ध्यान आया कि मैने पेंटी नहीं पहनी है और मैंने नीचे देखा तो फ़िरोज़ मेरी नंगी जाँघो और चूत को घूर रहा था.
में फिर से वारंटी कार्ड खोजने लगी और तभी मेरी नज़र साइड के कांच पर पड़ी.. उसमे बाथरूम का नज़ारा साफ़ दिख रहा था और राजेश मेरी पेंटी को सूंघ रहा था और पेंट के उपर से ही लंड सहला रहा था. यह सीन देख कर मुझे शक हुआ कि ये दोनो मुझे चोदने का प्लान तो नहीं बना रहे.. इसी ख्याल में वापस मुड़ी और स्लिप हो गई और फ़िरोज़ ने मुझे संभालने की कोशिश की तो उसका हाथ मेरे नंगे बूब्स के बीच में पड़ा और दो उंगलिया चूत के अंदर प्रवेश कर गई.
इस अचानक वार को मेरी चूत नहीं झेल पाई और में चिल्ला कर उछल पड़ी और बैलेन्स खोकर नीचे गिरने लगी और फ़िरोज़ का दूसरा हाथ मेरी नाइटी पर पड़ा और इसके कारण वो सिर्फ़ नाइटी पकड़ पाया और जब तक हम दोनो संभल पाते तो इसके कारण नाइटी फटकर फ़िरोज़ के हाथ में थी.. तो आवाज़ सुनकर राजेश भी कमरे में आ गया और में दो लोगो के सामने नंगी खड़ी थी. दोस्तों
मैंने शर्म से नज़रे झुका ली और मैने तुरंत पलट कर दीवार की तरफ अपना मुँह छुपा लिया और राजेश को सामने से टावल देने को कहा और उन दोनो को बेडरूम से जाने को कहा.. मेडम क्यों शरमा रही हो और में तो आपको पहले ही नंगा देख चुका हूँ और जब दो मर्द आपके सामने है तो हाथ से चूत क्यों सहलाना.. हमारे जाने के बाद तो हाथ से सहलाओगी और आपकी चूत गर्म है.. जिसके निशान इस बेड पर है.. लगता है आपका पति आपकी प्यास नहीं बुझा पाता.. इसलियें आपकी चूत प्यासी है. इतना बोलते बोलते कब उन दोनो ने अपने कपड़े उतार दिये.. पता ही नहीं चला और फ़िरोज़ मुझसे आकर चिपक गया.
उसका लंड मेरी गांड पर दस्तक देने लगा और ऐसा मत करो तुम दोनो.. में शादीशुदा हूँ.. मेरे पति को पता चल गया तो में कहीं की नहीं रहूंगी. इतना कहकर में पलट कर दूसरे रूम मे जाने की कोशिश करने लगी.. लेकिन जैसे ही पलटी उल्टा फ़िरोज़ की बाहों मे आ गई.
लेकिन आपके पति को कौन बतायेगा मेडम? आप जैसी चिकनी औरत की चूत हम जैसो के नसीब में नहीं होती.. आज किस्मत ने मौका दिया है तो आपको चोदकर ही छोड़ेगे.. चाहे उसके लिये कुछ भी करना पड़े. फ़िरोज़ मेरे बूब्स मसलने लगा और मुझे चूमने की कोशिश करने लगा.. राजेश मेरे पैरो के बीच मे आ गया और बैठ कर मेरे पैर खोल दिये और अपना मुँह मेरी चूत पर रख दिया और चूत को किसी कुत्ते की तरह चाटने लगा. पहली बार कोई मेरी चूत चाट रहा था.. मेरे पति को ओरल करना पसंद नहीं था.
में उत्तेजना से छटपटाने लगी और रात भर की सेक्स की भूख अपना रंग दिखाने लगी थी. मेरी जांघे सख्त पड़ गई और दिमाग़ सुन्न पड़ गया. में सातवें आसमान पर थी और अचानक एक चीख के साथ चूत से पानी बह निकला और राजेश चाट चाट कर सारा चूत का रस पी गया. में लगातार बह रही थी और थोड़ी देर बाद शांत पड़ गई तो उसके बाद हम तीनों बेड पर आ गये और वो दोनों उपर से नीचे तक सहलाने लगे..यह कहानी देसीएमएमस्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे रहे । कभी चूमते कभी चूत सहलाते और कभी बूब्स को मसलते में उत्तेजना से आहें भरने लगी.
मेरे मुँह से सिसकारियां निकलने लगी तो फ़िरोज़ ने मुझे लंड चूसने को कहा और मैने मना कर दिया तो राजेश ने मेरे चूतड़ो पर एक थप्पड़ बजा दिया. मुझे उल्टा लेटाकर मेरे पेट के नीचे तकिया लगा दिया और मेरी गीली चूत मे अपना लंड पेल दिया. मेरी चूत इतने मोटे लंड से पहली बार चुदवा रही थी.. इसलिये लंड बाहर फिसल गया तो उसने फ़िरोज़ से कहा कि साला इसका पति हिजड़ा लगता है.. इतनी सुन्दर रंडी को भी ठीक से नहीं चोदता. इसकी चूत टाइट है तो इसका छेद बड़ा करना पड़ेगा.. फ़िरोज़ मेरी कमर पर बैठ गया और मेरे पैर फैला दिये और जिससे मेरी चूत फेल गई लेकिन मेरी जांघे दर्द करने लगी.
में चीखी.. आअहह तुम लोग आराम से करो.. दर्द हो रहा है. इसमे हमारी क्या ग़लती है अगर तेरे पति ने तेरा छेद टाइट छोड़ा है तो छेद खोलने के लिये थोड़ी मेहनत करनी पड़ेगी. इतना कहकर राजेश ने दो उंगलियां मेरी चूत के अंदर डाल दी और मेरी चूत बहुत गीली हो चुकी थी तो उसे एक लंड की ज़रूरत थी लेकिन ये दोनो चोदने की बजाय मेरी जवानी को तड़पा रहे थे.
करीब 5 मिनट तक अंदर बाहर करने के बाद मे बेकाबू होने लगी. मैने उनसे कहा प्लीज.. अब मत तड़पाओ.. घुसा दो अपना लंड. मेरे दर्द की परवाह मत करो.. फट जाने दो मेरी चूत को.. पर प्लीज आज इसे चोदो.. मेरी प्यास बुझा दो नहीं तो मे मर जाऊंगी. राजेश ने यह सुनकर अपना लंड मेरी चूत पर टिका दिया और उसके मोटे लंड का सुपाड़ा मेरी चूत मे जाने का नाम नहीं ले रहा था.
वो मेरे मुँह के पास आया और कहने लगा कि इसे चूस कर गीला करो.. तभी ये अंदर जायेगा. उसका पूरा उत्तेजित लंड देखकर मेरे पसीने आ गये कि हे भगवान मेरे छोटे से छेद मे ये कैसे जायेगा. यह तो मेरे पति से तीन गुना मोटा है लेकिन उसने मेरा मुँह अपने लंड पर रखते हुये कहा कि तू इसे गीला कर… आज यह तेरी चूत का भोसड़ा बना देगा.. में उसका लंड उत्तेजना मे चूसने लगी.
फ़िरोज़ मेरे बूब्स मसलने लगा और अपना मुँह मेरी चूत पर लगा कर उसे चाटने लगा. उसके बाद अपना लंड मेरी चूत पर लगाकर रगड़ने लगा.. उसका लंड लंबा मगर राजेश की तरह मोटा नहीं था.. मगर मेरी चूत के लिये वो भी काफ़ी बड़ा था. उसने मेरी चूत को हाथों से फैलाया और अपना टॉप मेरी चूत से सटा दिया और पच की आवाज़ के साथ मेरी चूत मे समा गया. मुझे जैसे जन्नत मिल गई हो. दर्द हो रहा था लेकिन वो मज़ा ज़्यादा दे रहा था.. ह्ह्ह्हईईई माँ में मर गई.. यह कहानी देसीएमएमस्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे रहे । उई फ़िरोज़ चोदो.. रहम मत करो घुसा दो.. आअहह मीठी आवाजों से कमरा गूंजने लगा. फ़िरोज़ ने जड़ तक लंड पेल दिया और में एक बार में झड़ गई.
करीब 15 मिनट की चुदाई के बाद में एक बार और झड़ गई तो वो बोला राजेश अब ये तेरे लंड के लिये तैयार है. राजेश थोड़ा संभाल कर करना.. मेरी चूत अभी भी तुम्हारे लिये छोटी है तो वो मेरे पीछे आकर किसी बैल की तरह मेरी चूत पर चड गया और उसका सुपाड़ा मेरी चूत पर टिका दिया.. वो अब भी अंदर नहीं जा रहा था. उसने मेरे बूब्स ज़ोर से पकड़कर फैलाये और पूरा वजन मेरी चूत पर डाल दिया और उसका लंड चूत को चीरता हुआ अंदर जाने की कोशिश करने लगा.. आहह राजेश मत करो मेरी चूत फट रही है अब में नहीं झेल पाउँगी कहते हुये पैर पटकने लगी.. लेकिन उसका टॉप धीरे धीरे अंदर सरक रहा था और मेरी जान निकल रही थी और तभी मेरा दिमाग़ सुन्न हो गया और में बेहोश सी हो गई.
मेरी आँखो के सामने अंधेरा छा गया और फक्क की आवाज़ हुई और वो मेरे अंदर समा चुका था. मेरा सारा बदन अकड़ गया.. जांघे सख़्त हो गई और में दर्द से चीख उठी और चूत से खून बह रहा था. फ़िरोज़ बोला अब चीखना बंद करो और मज़ा लो.. अब तेरी चूत का ढक्कन खुला है और तेरा पति तो सिर्फ़ लंड का वीर्य डाल के मज़े ले रहा था. राजेश अब भी धीरे धीरे लंड अंदर समाता जा रहा था और मेरी चूत की सारी दीवारे उसके लंड पर चिपक चुकी थी और उसने पूरी तरह से चिपककर नीचे से मुझे जकड़ लिया और बूब्स को मसलने लगा और वो धीरे धीरे कमर हिला रहा था. मुझे भी मज़ा आने लगा था और में भी उसका साथ देने लगी..
फिर स्पीड बड़ने लगी और करीब 20 मिनिट के भीषण घर्षण के बाद हम दोनों के फव्वारे छूटने लगे.. उत्तेजना मे मैने फ़िरोज़ का लंड जकड़ लिया और जोर से चूसने लगी और उसने मेरे मुँह में फव्वारा छोड़ दिया. उस दिन हमने करीब शाम को 5 बजे तक 4 बार चुदाई की और वो मेरे पति के आने से पहले चले गये. ऐसा लगता था कि आज सुहागरात मनाई हो और मुझे लगता है कि शादी के कुछ साल बीत जाने के बाद हर लड़की को ऐसी सुहागरात जरुर नसीब होनी चाहिये.

अपनी चूत पर रगड़ने का क्रम चालू कर दिया

मेरा नाम अनु है और मेरा फिगर 34-30-34 है, मेरी गांड बड़ी और स्तन भी काफी
अच्छे आकार के है. मेरी उम्र 27 साल की है और मेरा एक बेटा
भी है. मैं भले शादीशुदा हूँ पर एक रंडी से कम भी नहीं, मुझे जब भी अच्छा
लड़का मिल जाए मैं उस से चुदवाने की पूरी कोशिश कर लेती हूँ. मुझे जब कोई
मेरे स्तन को चुसे और स्तन के बिच में लंड दे तो अलग ही मजा आता है, मैंने
कितनी बार ही अपने स्तन चुद्वाए है, इंडियन पोर्नस्टार प्रिया राई मेरी
आदर्श है और मैं उसके जैसी फिगर बनाना चाहती हूँ. आइये मैं आपको कुछ साल
पहेले अपने जेठ के साथ की हुई चुदाई की कहानी बताती हूँ.


मेरी शादी को अभी केवल तिन माह ही हुए थे और चुदाई का नशा हम दोनों पर जोरो
से था, मेरे पति विकास रोजाना कम से कम दो बार मेरी चूत का मजा लेते थे और
मैं हफ्ते में दो तिन बार उनसे लंड स्तन के बिच रगड़वाती थी, विकास का लंड
काफी लम्बा था, होगा करीब 7-8 इंच के करीब और हम दोनों मस्त मजेदार सेक्स
लाइफ निकाल रहे थे. लेकिन मेरा दिल तब टूट ही गया जब विकास को एक हफ्ते के
लिए ट्रेनिंग में मुंबई जाना पड़ा, मैं अपने घर होती तो चिंता नहीं थी
पड़ोस का मुनीर और शेखर दोनों मेरे स्पेर लंड पड़े ही थे वहाँ तो लेकिन
ससुराल में थोड़ी दिक्कत थी. मैंने कैसे भी कर के बिन चुदाई के तिन दिन तो
निकाल दियें, लेकिन मेरी चूत और स्तन बहुत हेरान हो गए थे और वह लंड के लिए
तड़प ही रहे थे. एक दिन की बात हैं जब मेरे सास ससुर एक शादी में गए थे,
मैं और मेरे जेठ और जेठानी भी गए थे साथ में. सास ससुर वही रुके और हम तीनो
वापस घर को आने के लिए निकले, तभी रास्ते में जेठानी पारुल अपने मम्मी के
घर जानेका बोल के हमसे अलग हो गई. मेरी जेठानी पारुल भी मेरी तरह चुदक्कड़
ही थी. मैंने चुपचाप उसके मोबाइल के मेसेज देखे थे, और मुझे यकीन था वोह
जरुर किसी जवान लंड से चुदवाने के लिए ही हम से अलग हुई थी.


मैं मनोमन उसकी किस्मत से जलती हुई घर आ गई, जेठ ने मेरे पास चाय मांगी और
मैंने चाय दे दी उसे, मैं अब कमरे में आ गई और तभी मेरी चूत और स्तन दोनों
फिर से उठ खड़े हुए, मैंने वही पड़ी एक कोकोकोला की बोतल उठा ली और उसे लंड
समझ के अपने ऊपर रगड़ने लगी, मुझे लगा की मैंने कमाड बंध किया है लेकिन वो
अर्ध-खुला था और मुझे पता ही न था की मेरा जेठ मेरी यह हस्तमैथुन जो कपडे
पहेने हुए मैं कर रही थी वो देख रहा है. मैं एक हाथ से बोतल को चूत पर लगा
रही थी और दुसरे हाथ से मेरे स्तन को दबा रही थी. मेरे तन बदन में आग लगी
हुई थी, कसम से अगर कुत्ता भी उस वक्त मुझे लंड देता तो मैं उसे अपनी चूत
के अंदर डाल देती. मुझे हफ्ते में कम से कम तिन चार बार लंड चाहिए, और
विकास के ट्रेनिंग जाने से मेरी एवरेज बिगड़ गई थी. मुझे पता ही ना चला की
मेरा जेठ मेरी यह प्यास चाय की चुस्कियो के साथ मजे से देख रहा है.


जेठ का लंड मोटा और तगड़ा था


मैंने अब जोर जोर से अपने चूत पर साड़ी पहने हुए ही यह बोतल रगडनी चालू कर
दी थी.मुझे बोतल का कड़ापन लंड जैसा ही मजा दे रहा था, मेरा जेठ सुरेश कब
खड़ा हो कर रूम के दरवाजे के निकट आया कसम से मुझे पता ही नहीं चला. मैंने
अपना कम जारी रखा, तभी वह कमाड खोल के अन्दर आया. मैंने उसे देखा और चोंक
गई, सुरेश बोला घबराओ मत अनु, कोई दिक्कत नहीं तुम्हारी प्यास मैं समझ सकता
हूँ. मैं डर गई थी के ये मेरी पोल ना खोल दे, लेकिन उसके तो इरादे दुसरे
ही थे. वोह मेरे करीब आया और बोला करती रहो तुम्हे देख के मुझे भी उत्तेजना
हो रही है, वोह उत्तेजना जो पारुल मुझे नहीं दे पाती. यह सुन के मेरी जान
में जान आई. तो सुरेश भी अपनी बीवी, जो की शायद जवान लंड की प्यासी थी, उस
से खुश नहीं था और मुझे अपनी चूत करने का रास्ता नजर आने लगा. मैंने बोतल
फिर से अपनी चूत पर रगड़ने का क्रम चालू कर दिया, सुरेश मेरे पास आया गया
और उसने मेरे स्तन और गांड पर हाथ फेरने लगा, मेरे स्तन के निप्पलस अकड गए
थे जिनको सुरेश ब्लाउज के उपर से ही दो ऊँगली में लेकर जोर से दबाने लगा,
मेरे मुहं से एक आह निकल पड़ी और मैं उसको लिपट गई, उसका गर्म गर्म लंड
मेरे चूत के आगे स्पर्श करने लगा. मैं तो उत्तेजित हो चुकी थी इसलिए मैंने
तुरंत उसका पेंट खोला और उसका हथियार बहार निकाला, विकास जितना लम्बा नहीं
था लेकिन उससे काफी मोटा लंड था उसके बड़े भैया का.


मैंने सुरेश का लंड हाथ में लेकर
उसका कद माप लिया और फिर में तुरंत निचे बैठ गई इस तगड़े लंड की मस्त चुसाई
करने के लिए. मैंने लंड को अपने मुहं में रखा ही था की सुरेश बोल पड़ा,
ओह्ह्ह्ह ओह्ह्ह….शायद इस बेचारे का लंड आज तक चूसा नहीं गया था कभी, पारुल
शायद लंड का ख़याल कैसे रखते है वो नहीं जानती थी तभी तो सुरेश कह रहा था
की पारुल उसे उत्तेजित नहीं कर पाती. लेकिन मैंने इस तगड़े लंड को दो तिन
मिनिट तक गले तक ले ले कर और भी बड़ा कर दिया. मैं लंड चूस रही थी और साथ
में अपने स्तन को दबा भी रही थी. सुरेश ने पूरी लंड चुसाई में अपनी आँखे
बंध रख के इस खुशी को समेटे ही रख़ा. मेरी चूत भी अब गीली हो चुकी थी,
मैंने फट से अपने दोनों चुंचे खोले और जेठ जी का लंड उसके बिच में रख दिया,
सुरेश मेरा इरादा समझ गए और उन्होंने मेरे स्तन को अपने गधे जितने मोटे
लंड से चोदना शरू क्र दिया, मैं चुन्चो के बिच में थूंक कर उन्हें चिकना
करती रहेती थी जिससे सुरेश को ज्यादा घर्षण ना लगे. वो करीब 5 मिनिट तक
मेरे स्तन की अपने लंड से मस्त चुदाई करते रहे और इस बिच मैं अपनी चूत के
अंदर ऊँगली डाल डाल के उसे हिलाती रही.


सुरेश ने अब अपना लंड मेरे चुन्चो के बिच से निकाला, मेरे चुंचे और उनका
लंड दोनों लाल लाल हो गए थे, मैंने अब अपनी चूत अपने जेठ के लंड के लिए खोल
दी और सुरेश मुझे चूत के अंदर लंड दे कर हिलने लगे, विकास का लंड अंदर तक
जाता था लेकिन मेरे जेठ सुरेश का लंड मोटा होने की वजह से वो चपोचप चिपका
था मेरी चूत से और टाईट चूत के अंदर उसका एक एक झटका मुझे एक नया अहेसास दे
रहा था. सुरेश मेरी चूत का पानी निकालते हुए उसको करीबन 10 मिनिट तक चोदते
रहे, इस बिच मैं 2 बार झड़ चुकी थी लेकिन यह एम्ब्युलंस जैसा लंड अभी भी
थका नहीं था. सुरेश ने अपना लंड बहार निकाला और उन्होंने मुझे गांड के करीब
से पकड के उलटा कर दिया. ओह्ह…य=उनका इरादा अब मेरी गांड मैं लंड देने का
था शायद, हां ऐसा ही था…उन्होंने मेरी गांड को उठाने के लिए पहेले अपनी एक
ऊँगली उसके अंदर थूंक लगाके डाली, मुझेगुदगुदी होने लगी और मैं उछल पड़ी,
सुरेश ऊँगली को तेजी से अंदर बहार करने लगे….मेरे से उत्तेजना बर्दास्त
नहीं हो रही थी इसलिए मैंने अपना हाथ पीछे किया और उनका लंड बिना देखे ही
हिलाने लगी. यह लंड अभी भी लोहे जैसा सख्त था.


सुरेश ने एक बड़ा सा थूंक लिया हाथ में और गांड पर मल दिया, उसके बाद जो
मेरी गांड फटी उस लंड से की मुझे लगा की मैं मर ही जाऊँगी, मैं जेठ जी को
उनका लंड गांड से निकाल देने के लिए विनंती करने लगी. लेकिन जेठ ने तो मेरे
स्तन दबाते हुए कहा, “रानी केवल दो मिनिट सब्र कर लो, यह सेक्स तुम्हारी
जिन्दगी का सब से बढ़िया सेक्स होंगा…!” उसके हाथ मेरे चुन्चो को जोर से
दबाने लगे और एक मिनिट के अंदर मुझे सच में मजा आने लगा…अब मैंने अपनी गांड
धीरे हिलाई ताकि यह तगड़ा लंड उसके अंदर मजे से चुदाई कर सके. जेठ सुरेश
अपने मुहं से आह ओह कम ओन…हां…हो…अह्हह्हह्हह्हह…ऐसी आवाजे निकालने लगा और
उसकी यह आवाजे थोड़ी देर में और भी तीव्र हो गई. इसके साथ ही उसके गांड
मारने की रफ़्तार भी जोरो पर पहुँच गई और फिर उसने एक झटके से गांड से लंड
बहार निकाल किया. उसके लंड ससे वीर्य की धार छूटी जो सारी मेरी गांड के उपर
फेल गई, वीर्य की गर्मी मैंने अपनी गांड और चूत को अच्छी तरह महेसुस
करवाने के लिए उसे हाथ से मस्त फेला दिया. लंड को पूरा निचोड़ कर सुरेश वही
मेरे उपर सो गया….सच मैं सुरेश ने मेरी चूत गांड और स्तन सब को शांत कर
दिया…..!